हमारे जीवन में नींद बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि ज्यादा नींद आने के नुकसान क्या हो सकते हैं? हम अक्सर सोचते हैं कि ज्यादा नींद लेने से स्वस्थ रहेंगे। लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है।
जिस तरह कम नींद सेहत के लिए हानिकारक होती है, वैसे ही अधिक नींद भी नुकसानदेह हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, वयस्कों को हर दिन 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
हालाँकि, कुछ लोग 10-11 घंटे तक सोते रहते हैं। उन्हें लगता है कि अधिक नींद लेने से आपकी सेहत बेहतर होगी, लेकिन यह सच नहीं है। शरीर को आवश्यकता से अधिक सोना भी हानिकारक हो सकता है।हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है।
यह लेख इसी विषय पर केंद्रित है, जिसमें बताया जायेगा कि जरूरत से अधिक सोने से क्या समस्याएं हो सकती हैं और इसका प्रभाव हमारी सेहत पर कैसा हो सकता है।
अध्ययन के अनुसार एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
डॉ. चार्लेन गैमाल्डो, जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन के न्यूरोलॉजिस्ट और स्लीप स्पेशलिस्ट, कहते हैं कि हर व्यक्ति की नींद की आवश्यकताएं अलग हो सकती हैं। किंतु सभी वयस्कों को प्रतिदिन 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यदि आपको आराम से रहने के लिए 8 या 9 घंटे से अधिक सोने की जरूरत पड़ती है, तो यह किसी चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकता है।
कई लोगों को लगता है कि उम्र बढ़ने के साथ अधिक सोना सामान्य है। लेकिन उम्र बढ़ने से नींद के घंटों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होना चाहिए। क्योंकि ज्यादा नींद आने के नुकसान अधिक और फ़ायदे कम हैं। ऐसा हो रहा है, तो यह दिल की बीमारी, डायबिटीज या डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा जांच करवाना आवश्यक है।
संतुलित नींद की आवश्यकता और अवधि
आवश्यकता
- दिल और दिमाग को स्वस्थ बनाता है।
- तनाव कम करता है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
- सतर्कता और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।
- याददाश्त मजबूत करता है।
- कार्यकारी प्रणाली को सुधारता है।
- ऊतकों को पुनर्जीवित करता है।
अवधि
National Sleep Foundation के अनुसार
- 0-3 महीने के बच्चों को 14 से 17 घंटे की आवश्यकता होती है।
- 4-12 महीने के बच्चों को 12 से 15 घंटे प्रतिदिन सोना चाहिए।
- 1-2 साल के बच्चों को 11 से 14 घंटे की नींद चाहिए।
- तीन से पांच वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन दस से बारह घंटे की नींद लेनी चाहिए।
- 6-12 साल के बच्चों को हर दिन 9-12 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।
- 13 से 17 वर्ष के किशोरों को हर दिन 8 से 10 घंटे सोना चाहिए।
- 18 से 64 वर्ष के वयस्कों के लिए 7 से 9 घंटे पर्याप्त नींद होती है।
- 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी 7 से 8 घंटे की नींद चाहिए होती है।
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क्या हो सकते है ज्यादा नींद आने के नुकसान?
ज्यादा नींद लेने से दिनचर्या, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है।ज्यादा नींद आने के नुकसान कुछ इस प्रकार वर्णित किये गये हैं-
मोटापा
ज्यादा नींद लेना वजन बढ़ा सकता है। विभिन्न अध्ययनों ने बताया है कि अधिक नींद लेने वाले व्यक्ति के शारीरिक प्रक्रियाओं में बदलाव हो सकते हैं, जो मेटाबोलिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। इसलिए नियमित रूप से नींद लेना वजन कम करने में महत्वपूर्ण है।
डायबिटीज
डायबिटीज का खतरा लंबी नींद लेने वालों में बढ़ सकता है। अध्ययन बताते हैं कि यह हो सकता है क्योंकि इससे इंसुलिन के स्तर में बदलाव होता है, जो शरीर की सामान्य ग्लूकोज उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
हृदय रोग
लंबी नींद लेने से हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। ज्यादा नींद लेने से दिल की कार्यक्षमता कम हो सकती है और दिल की उत्पादकता कम हो सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
मानसिक बीमारियाँ
गहराई से समझाया गया है कि लंबी नींद की अवधि और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बीच का संबंध क्या है। अवसाद और अनिद्रा जैसी समस्याएं अत्यधिक नींद लेने से बढ़ सकती हैं, जो मानसिक संतुलन को खराब कर सकते हैं।
नींद की कमी से न्यूरोट्रांसमिटर कार्य में असंतुलन, बाहरी स्ट्रेस प्रतिक्रिया में बदलाव और मानसिक संतुलन में असंतुलन हो सकता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद की अवधि और गुणवत्ता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
पीठ दर्द
जब हम अधिक समय तक सोते हैं, हमारे पीठ के मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ सकता है, जिससे वे स्ट्रेन और टेंशन महसूस कर सकते हैं। इससे पीठ की मुद्रा बदल सकती है और दर्द हो सकता है।
यहाँ, पीठ को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से अपनी नींद की अवधि और गुणवत्ता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
सिर दर्द
सिरदर्द का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि लंबी नींद लेने से दिमाग अधिक सक्रिय होता है। यह समस्या अधिकतर उन लोगों में होती है जो अधिक समय तक सोते हैं या अनियमित रूप से सोते हैं।सिरदर्द का कारण दिमागी गतिविधियों में वृद्धि से मस्तिष्क की जटिल प्रक्रियाओं में असामान्यता हो सकती है।
सिरदर्द से बचने के लिए नियमित रूप से नींद की गुणवत्ता और अवधि पर पूरा ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
उत्पादकता में कमी
ज्यादा नींद लेने से उत्पादकता कम हो सकती है, क्योंकि ज्यादा नींद से मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो ध्यान, समय प्रबंधन और कार्य परिपक्वता को प्रभावित कर सकती हैं।
विभिन्न अध्ययनों ने दिखाया है कि उत्पादकता में कमी होने पर व्यक्ति की सापेक्ष क्षमताओं में सुधार करने के लिए समय पर स्वस्थ नींद की आदतों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
मृत्यु दर में वृद्धि
विभिन्न अध्ययनों ने देखा है कि लंबी नींद लेने से मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है, खासकर उम्रदराज लोगों में। यह अक्सर होता है जब ज्यादा नींद लेने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो समय के साथ स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं।
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संतुलित नींद लेने के सुझाव
- नियमित रूप से नींद लेने पर ध्यान दें।
- हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें।
- सोने से पहले शांतिपूर्ण और धीमी गतिविधियाँ करें।
- रात्रि को भारी भोजन से बचें और अपने खाने के अनुसार समय रखें।
- हर दिन शारीरिक व्यायाम करें।
- रात्रि में लाइट्स को धीरे-धीरे बंद करें और एक शांत वातावरण बनाएं।
- सोने से पहले सकारात्मक सोच विकसित करें और कम स्क्रीन समय खर्च करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- ज्यादा नींद लेने से क्या नुकसान है?
ज्यादा सोने से टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा, डिप्रेशन, सिरदर्द जैसी कई शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।
2. किसकी कमी से नींद ज्यादा आती है?
विटामिन बी12 की कमी से आपको अधिक नींद आ सकती है।
3. थायराइड से अधिक नींद आ सकती है?
थायराइड से नींद में परेशानी हो सकती है। हाइपोथायराइडिज्म (अंडरएक्टिव थायराइड) और हाइपरथायराइडिज्म (अतिएक्टिव थायराइड) कुछ नींद संबंधी समस्याओं के लिए जोखिम कारक माने जाते हैं।
4. दिन भर नींद आने के कारण क्या हो सकते हैं?
जब किसी को हर वक्त नींद आती है, तो उसे हाइपरसोमनिया (Hypersomnia) कहा जाता है। इस रोग में रात को अधिक सोने के बावजूद दिनभर भी अत्यधिक नींद आती है।
इस समस्या के कारण व्यक्ति की दिनचर्या और कामकाज प्रभावित हो सकते हैं। यह समस्या अधिक शराब पीने, तनाव और अवसाद की वजह से भी हो सकती है।
5. शरीर में थकान का कारण क्या हो सकता है?
थकान और आलस के मुख्य कारण तनाव, पर्याप्त नींद की कमी, अस्वस्थ आहार और निष्क्रिय जीवन शैली हो सकते हैं। बिना सोचे-समझे किसी भी उपाय को अपनाने से पहले एक डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
हमने इस लेख में देखा कि ज्यादा नींद लेने से भी हमारी सेहत खराब हो सकती है। समय पर और स्वस्थ रूप से नींद लेने की आवश्यकता को समझना महत्वपूर्ण है।
इसलिए, नियमित रूप से नींद लेने और उसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमारी जीवनशैली को बेहतर बनाने और स्वस्थ जीवन जीने में हमारी मदद कर सकता है।