नींद ज्यादा आने के कारण अक्सर व्यक्ति थकान और सुस्ती महसूस करता है, जो उसकी दैनिक गतिविधियों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। ज्यादा नींद आना एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति दिन भर बहुत नींद लेता है।
इससे प्रभावित व्यक्ति दिन में बार-बार झपकी ले सकता है, रात में ज्यादा देर सो सकता है या फिर काम या स्कूल के दौरान अनचाहे समय पर सो सकता है। स्वास्थ्य के लिए 7 से 8 घंटे की नींद की सलाह देते हैं। लेकिन बहुत कम नींद लेने के बावजूद दिन भर नींद आती रहती है, तो शायद आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है।
आइए, आज हम नींद ज्यादा आने के कारण , लक्षण और निदान को जानेंगे।
क्या है हाइपरसोम्निया या अधिक नींद?
हाइपरसोम्निया एक नींद से जुड़ी समस्या है जिसमें व्यक्ति दिन भर नींद आती रहती है, हालांकि उन्होंने अच्छी तरह से सोया है। स्लीप फाउंडेशन ने बताया कि लगभग 40 प्रतिशत लोगों में इसके लक्षण हैं।
इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे खराब खानपान, मानसिक तनाव, अधिक दवा लेना और स्क्रीन का अधिक उपयोग। इस समस्या के कारण व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों में बाधा आती है और वह हमेशा थका हुआ महसूस करता है।
हाइपरसोम्निया का निदान और उपचार आवश्यक है ताकि प्रभावित व्यक्ति की जीवनशैली में सुधार हो सके।
हाइपरसोम्निया के लक्षण
जब कोई व्यक्ति रात में पूरी नींद लेने के बावजूद भी दिन में अत्यधिक नींद महसूस करता है तो इसे हाइपरसोमनिया (Hypersomnia) कहा जाता है। हाइपरसोम्निया के संकेत हैं:
- दिन भर बहुत नींद आना
- जागने या जागे रहने में मुश्किल होना
- जागने के बाद परेशान या मदहोश होना
- दिन में बार-बार झपकी लेना
- रात में ज्यादा देर सोना
- नींद में भी असंतोष या बेचैनी महसूस करना
- ध्यान या सोच में कठिनाई
- थकान महसूस करना
- स्कूल या कार्यस्थल पर प्रदर्शन में समस्याएं आना
- चिड़चिड़ा होना
ये लक्षण व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों और जीवन की गुणवत्ता को खराब कर सकते हैं।
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नींद ज्यादा आने के कारण
हम अपनी नींद की समस्या का हल तभी कर सकते है जब हमें इसके बारे में कुछ जानकारी होगी। तो आइये अब हम ज्यादा नींद आने के कारण जानेंगे।
नॉकटर्नल अस्थमा, हाइपोथायराइडिज्म और एसोफेगल रिफ्लक्स
हाइपोथायराइडिज्म, एसोफेगल रिफ्लक्स और नॉकटर्नल अस्थमा जैसी चिकित्सकीय स्थितियाँ शरीर के मेटाबॉलिज्म और नींद की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। हाइपोथायराइडिज्म में थायरॉयड हार्मोन की कमी होती है, जिससे आप थक जाते हैं और अधिक सोते हैं।
रात में एसिड के कारण एसोफेगल रिफ्लक्स नींद में बाधा डालता है, और नॉकटर्नल अस्थमा से रात में सांस लेना मुश्किल होता है, जिससे अच्छी नींद नहीं आती।
अत्यधिक दवाओं का सेवन
शराब और कुछ दवाओं का अधिक सेवन आपके लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर सकता है जैसे कि बहुत अधिक नींद आना। ये पदार्थ नींद के कई चरणों में बाधा डाल सकते हैं, जिससे दिन में थकान महसूस होती है और रात की नींद अस्थिर होती है। शराब केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती है, जिससे नींद का पैटर्न बदल सकता है।
शरीर में पर्याप्त पानी की कमी
शरीर में पानी की कमी से थकान, उबासी और ऊर्जा की कमी होती है, जो डिहाइड्रेशन कहलाता है। पानी की कमी से व्यक्ति दिन भर थकान और नींद नहीं आती, जिससे मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंग सही से काम नहीं कर पाते।
पर्याप्त पानी नहीं पीने से भी सुस्ती आती है क्योंकि मस्तिष्क अधिक सतर्क नहीं रहता।
अतितनाव
चिंता और तनाव नींद को प्रभावित करते हैं।तनाव के कारण कुछ लोग बहुत अधिक नींद लेने लगते हैं। तनाव हार्मोन, जैसे कोर्टिसोल, नींद के पैटर्न को बदल सकते हैं, जो अत्यधिक नींद आने का कारण हो सकता है।
हार्मोनल परिवर्तन
हार्मोनल परिवर्तन, जैसे गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या किशोरावस्था, नींद के पैटर्न को बदल सकते हैं। शरीर की जैविक चाल को ये बदलाव बिगाड़ सकते हैं, जिससे व्यक्ति को अधिक नींद आने लगता है। हार्मोनल असंतुलन भी नींद नियंत्रण तंत्र को प्रभावित करता है।
सिर की चोट या न्यूरोलॉजिकल परेशानियाँ
सिर की चोट या न्यूरोलॉजिकल समस्याएं मस्तिष्क के हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकती हैं जो नींद को नियंत्रित करते हैं। इससे व्यक्ति दिन भर बहुत सो सकता है। नींद ज्यादा आने के कारण व्यक्ति की दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं,इससे ब्रेन ट्रॉमा या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे नार्कोलेप्सी भी हो सकता है।
ज्यादा चाय-कॉफी खाना
चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और आपको जागरूक करता है। जब आप बहुत अधिक कैफीन खाते हैं, तो आप गहरी नींद नहीं ले पाते।
इससे दिन में थकान और नींद आती है। कैफीन की उच्च मात्रा भी नींद के पैटर्न को बदलती है, जिससे व्यक्ति दिन भर नींद महसूस करता है।
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इससे निपटने के कारगर उपाय
कॉफी पीना
कॉफी पीना नींद भगाने में कारगर है। कॉफी में मौजूद कैफीन आपको तरोताजा और उत्तेजित करता है। बहुत अधिक नींद आना एक बड़ी समस्या है जिससे बचने के लिए कॉफी एक अच्छा उपाय हो सकता है। ज्यादा कैफीन पीना खतरनाक हो सकता है, इसलिए इसे सिर्फ कम मात्रा में पिएं।
शरीर को हाइड्रेट रखें
नियमित रूप से पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है। दिन भर पर्याप्त पानी पीते रहें क्योंकि डिहाइड्रेशन आपको थकाता है और आपको नींद आती है। हाइड्रेटेड रहने से मस्तिष्क और शरीर सक्रिय रहते हैं।
योग करें
मोटापा भी हाइपरसोम्निया की एक वजह हो सकता है। डाइटिंग की बजाय नियमित रूप से व्यायाम करें। नियमित रूप से आधे घंटे से अधिक व्यायाम करने से आप न केवल फिट रहेंगे, बल्कि नींद भी कम आएगी।
शॉवर लें
यदि आप घर पर हैं और दिनभर नींद आती तो एक शॉवर लें। गुनगुने पानी से शॉवर लेना नींद भगाने में अच्छा काम करता है। इससे आपको नींद नहीं आएगी और आपको तरोताजा महसूस होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- नींद ज्यादा आना कौन सी बीमारी का संकेत है?
हाइपरसोम्निया, या अधिक नींद, एक नींद विकार है जिसके कारण दिन में बहुत नींद आती है। ईडीएस (दिन में अत्यधिक नींद आना) इसका नाम है। हाइपरसोम्निया (अत्यधिक नींद) से पीड़ित व्यक्ति को निरंतर नींद की आवश्यकता होती है और शायद ही कभी पूरी तरह से आराम मिलता है।
2. क्या कमी आपको अधिक नींद देती है?
शरीर में विटामिन बी12 की कमी से अत्यधिक नींद आ सकती है।
3. नींद से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?
ओवोकाडो, तरबूज, बादाम, केला और पालक को अपने खाने में ऐड करें क्योंकि इनके अंदर मौजूद तत्व आपको तरोताजा रखते हैं जिससे आपको नींद कम आती है।
4. थायराइड के दौरान अधिक नींद आती है?
हाइपोथायरायडिज्म आपकी नींद पर प्रभाव डाल सकता है, जिससे आप बहुत अधिक ठंडा महसूस कर सकते हैं या आपके जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित कुछ लोगों को दिन में बहुत नींद आती है, जिससे उन्हें जागना मुश्किल होता है।
5. रात को सोने से क्या होगा?
दिल पर बुरा असर होगा अगर आप कम सोएंगे। 5 घंटे से कम और 9 घंटे से अधिक सोना दिल की सेहत के लिए घातक है। सोने की आवश्यकता या कमी से कोरोनरी हार्ट डिजीज या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र वालों में दिल की बीमारी का खतरा अधिक होता है।
निष्कर्ष
हमने इस पोस्ट में नींद ज्यादा आने के कारण और उनसे निपटने के उपायों के बारे में बताया है। हमने देखा कि हाइपरसोम्निया, अधिक चाय-कॉफी का सेवन, तनाव और हार्मोनल बदलाव नींद को प्रभावित कर सकते हैं। हमने इन समस्याओं को दूर करने के लिए कॉफी पीना, योग करना, हाइड्रेट रहना और शॉवर लेना भी बताया है।
आप इन तरीकों से अधिक नींद ले सकते हैं और अपनी दिनचर्या को सुधार सकते हैं। हमारे जीवन में अपने विचारों और स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, और सही राह पर चलने से हम अपने आप को बेहतर और स्वस्थ बना सकते हैं।