क्या आपको भी होती है दिन भर थकान महसूस? तो ये 12 योगासन जानना है आपके लिए बेहद जरूरी।
12 योगासन आपकी दोपहर की थकान और तनाव दूर कर सकते हैं। क्या आप अपने काम के दबाव से परेशान हैं या अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के बाद तनाव में हैं? कुछ मिनटों के लिए योग करने से आपको राहत मिल सकती है, चाहे आप अपने काम की डेस्क पर हों या किसी और स्थान पर हों।
योग चिकित्सक जूडी बार का कहना है कि तनाव आपको बीमार कर सकता है। वह कहती हैं “योग आपके रक्तचाप को कम करके, सेरोटोनिन को बढ़ाकर और कोर्टिसोल को कम करके एक अतिनिर्धारित या तनावपूर्ण दिन से बाहर निकलने में आपकी मदद कर सकता है।“ योग आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और शरीर में तनाव को भी दूर करता है।
योग के फायदे
शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना
योग करने से शारीरिक स्वास्थ्य में बड़ा सुधार हो सकता है। नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास मांसपेशियों को लचकाता है, जो गतिशीलता और फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है। यह भी मांसपेशियों की शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है, जो कुल मिलाकर शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है। योग कैलोरी बर्न करने में मदद करता है और वजन को नियंत्रित करके स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
मानसिक शांति और तनाव में कमी
तनाव को कम करने में योग बहुत प्रभावी है। योगाभ्यास (प्राणायाम और ध्यान) से मानसिक शांति मिलती है, जो चिंता और तनाव को कम करने में सहायक होती है। योग भी मानसिक एकाग्रता और ध्यान को बढ़ाता है, जिससे कामकाजी क्षमता में सुधार होता है और जीवन में संतुलन और स्थिरता मिलती है।
श्वसन और हृदय में सुधार
योग करने से हृदय और श्वसन प्रणाली का स्वास्थ्य बहुत बेहतर होता है। प्राणायाम और विभिन्न आसनों के माध्यम से योग रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को सुधारता है, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है।
आंतरिक अंगों और पाचन तंत्र की देखभाल
योग पाचन तंत्र और आंतरिक अंगों को भी बचाता है। योगासन करने से शरीर के अंगों पर दबाव पड़ता है, जो पाचन प्रणाली को सक्रिय करता है और पाचन को बेहतर बनाता है। योग किडनी, लिवर और अन्य आंतरिक अंगों की क्षमता को भी बढ़ाता है। इन अंगों की बेहतर कार्यक्षमता से समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है और शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाएँ बेहतर तरीके से चलती हैं।
मासपेशियों और जोड़ों को राहत
योग मासपेशियों और जोड़ों को बहुत राहत देता है। नियमित रूप से योग आसनों का अभ्यास रीढ़ और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो पीठ और कमर के दर्द को काफी आराम देता है। यह आसनों के माध्यम से जोड़ों की स्थिति को सुधारता है और संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, जिससे आप अधिक सक्रिय और दर्दमुक्त महसूस कर सकते हैं।
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12 योगासन: स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण आसन
ताड़ासन
इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाएं और कमर को सीधा रखें। फिर दोनों हाथों की अंगुलियों को एक-दूसरे में फंसाएं और हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाएं। धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हो जाएँ और शरीर को ऊपर की ओर खींचें। इस स्थिति में कुछ समय रुकें, फिर धीरे-धीरे पहले वाली स्थिति में लौटें। इस आसन को कम से कम 7-8 बार दोहराएं। यह योगासन पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग करता है और शरीर को लचीला बनाता है।
कोणासन
इस आसन को करने से पहले, सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों के बीच कुछ दूरी रखें। दाईं ओर झुकाकर लंबी सांस लेते हुए गर्दन को मोड़ें। बाएं हाथ को बगल की ओर उठाकर दाएं हाथ को दाएं टखने की ओर धीरे-धीरे ले जाएं। फिर शरीर और दोनों हाथों को संतुलित करें। इस स्थिति में कुछ समय रहें, फिर दूसरे ओर से भी यही करें। कमर दर्द होने पर आगे झुकने से बचें, और हार्निया होने पर पीछे झुकने से बचें।
पादहस्तासन
गोरिल्ला पोज भी इस आसन का एक नाम है। इसके लिए सीधे खड़े होकर धीरे-धीरे झुककर पैरों को अपने हाथों से छुएं। सिर को घुटनों से टच कर घुटनों को पूरी तरह से सीधा रखें। कूल्हों को सीधा रखें। इस हालत में कुछ देर रहें। पादहस्तासन दिल से जुड़ी बीमारियों, पेट की चर्बी, लंबाई बढ़ाने और दिमाग में रक्त संचार को सुधारने में फायदेमंद है।
वृक्षासन
वृक्षासन एक अच्छा योगासन है जो संतुलन, पैरों की मजबूतता और एकाग्रता को बढ़ाता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर हाथों को ऊपर की ओर जोड़ें और एक पैर दूसरी जांघ पर रखें। स्थिर होकर कुछ क्षण इस स्थिति में रहें। धीरे-धीरे वापस लौटें और दूसरे पैर से वही करें। यह आसन शारीरिक और मानसिक संतुलन को सुधारता है।
सुखासन
सुखासन एक आसान लेकिन प्रभावी योगासन है जो मन को शांत और आराम करने में मदद करता है। इसे करने के लिए बैठकर एक पैर दूसरी जांघ पर रखकर दूसरे पैर को इसके ऊपर क्रॉस करें। दोनों घुटनों को जमीन पर फैलाकर घुटनों पर हाथ रखें। कमर सीधा रखें और गहरी सांसें लें। इस आसन से घुटनों और कूल्हों की खिंचाव में सुधार होता है. यह एक उत्तम प्राणायाम और ध्यान योगासन है, जो मानसिक और शारीरिक विश्राम प्रदान करता है।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन एक शक्तिशाली योगासन है जो कंधों, रीढ़ों और हैमस्ट्रिंग्स को गहराई से खींचता है। इसे करने के लिए सीधे बैठकर पैरों को सामने की ओर फैलाएं। धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने शरीर को आगे झुकाकर हाथों से पैरों को पकड़ने की कोशिश करें। यदि हाथों से पैरों को पकड़ना मुश्किल है, तो एक बेल्ट लें। अपने सिर को घुटनों के पास लाएं और इस स्थिति में कुछ क्षण रहें। यह आसन लचीलापन बढ़ाता है, तनाव कम करता है, और पाचन को बेहतर बनाता है।
आधा मत्स्येन्द्रासन
इस आसन को करने से पहले दंडासन मुद्रा में बैठें। फिर सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी सीधा रखें। दाएं घुटने के ऊपर से बाएं पैर को मोड़ें, फिर बाएं पैर को जमीन पर रखें। दाहिने पैर को बाएं कूल्हे के पास मोड़ें। अब बाएं पैर के ऊपर से दाहिने हाथ ले जाकर बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। बाएं कंधे पर ध्यान केंद्रित करते हुए लंबी सांस छोड़ें। जितना संभव हो सके मोड़ें और गर्दन को बाएं कंधे पर रखें। बाएं हाथ जमीन पर रखकर आराम से सांस लें। कुछ क्षण इस स्थिति में रहने के बाद फिर से ऐसा ही करें। इस आसन से डायबिटीज, पेट दर्द और पीठ दर्द में राहत मिलती है, रीढ़ की हड्डी में रक्त संचार बढ़ता है और स्पाइन लचीला होता है।
व्रकासन
यदि आप अर्धमत्स्येन्द्रासन नहीं कर पा रहे हैं, तो व्रकासन एक अच्छा विकल्प है। इसे करने के लिए पहले आराम से बैठकर अपने पैरों को बिना गैप के सामने की ओर फैलाएं। दाएं पैर को बाएं पैर के घुटने के बगल में मोड़ें। दाहिने हाथ को पीठ के पीछे से उठाकर जमीन पर रखें। अब दाहिने पैर के बाहर से बाएं हाथ डालकर दाहिने पैर के घुटने को छूएं। तीन से चार बार इस स्थिति को दोहराएं, सांस की गति को सामान्य रखें। इसके बाद दूसरी बार भी यही करें।
गोमुखासन
इस आसन को करने के लिए वज्रासन मुद्रा में बैठें। दाहिने पैर को बाएं पैर के कूल्हे के नीचे मोड़कर रखें। फिर दोनों हाथों से बाएं पैर उठाकर दाहिने पैर के घुटने के ऊपर रखें। अब बाएं हाथ को ऊपर से पीठ के पीछे रखें और दाहिने हाथ को नीचे से पीठ के पास रखें। साथ-साथ हाथों की अंगुलियों को पकड़ें। इस स्थिति में पांच मिनट रहें। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, बवासीर को दूर करता है, किडनी और लिवर को मजबूत करता है।
भुजंगासन
भुजंगासन एक प्रभावशाली आसन है जो रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और छाती और फेफड़ों को खोलता है। सुरक्षित रूप से इसे करने के लिए पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं। धीरे-धीरे अपने हाथों को कंधों के नीचे रखकर कमर के ऊपरी हिस्से को उठाएं। सिर को पीछे की ओर झुकाकर सांस लेते हुए छाती को खोलें। स्थिति में कुछ क्षण रहें, फिर आराम से वापस आएं। यह आसन आपकी रीढ़ को लचीला बनाता है और आपका श्वसन तंत्र बेहतर होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- कुल कितने आसन हैं?
योग के कई स्कूलों ने आसनों को अलग-अलग अंग्रेजी नाम दिए हैं। विभिन्न ग्रंथों में विभिन्न चयनों की पहचान की गई है, कभी-कभी नाम बताए बिना भी. हालांकि, पारंपरिक संख्या 84 आसनों की है। - सूर्यनमस्कार के बारह नाम बताओ।
12 आसनों के सूर्य नमस्कार में प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचालनासन, अधोमुख श्वानासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वतासन, ताड़ासन और हस्तपादासन शामिल हैं। - क्या कुल कितने योग हैं?
समकालीन योग में लगभग 200 योग मुद्राएँ हैं। ज्यादातर मध्ययुगीन हठ योग परंपराओं का दावा है कि 84 उपयोगी योग मुद्राएँ हैं, लेकिन बहुत कम लिखित हैं। योग मुद्रा, सबसे पुरानी योग परंपराओं के अनुसार, ध्यान के लिए बैठने की मुद्रा है। - कौन सा योग सबसे अच्छा है?
यदि आप सरल और आसान योग चाहते हैं, तो शवासन सबसे अच्छा है। हम इस आसन में लेट जाते हैं और कुछ समय बिना कुछ सोचे बिल्कुल शांत रहते हैं। इससे हमें ताजगी मिलती है, थकान कम होती है और हमारी भावनाएं शांत होती हैं। - शिव किस आसन में खड़े हैं?
नटराजासन । शिव का यह ब्रह्मांडीय नृत्य रूप देवता का प्रतिनिधित्व करता है। आप अक्सर इस आसन को “नर्तकों का राजा” कहा जाता है क्योंकि नट का अर्थ है “नर्तक” और राजा का अर्थ है “शाही” या “राजा”।
निष्कर्ष
इन 12 योगासन को नियमित रूप से करना आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत फायदेमंद है।वे तनाव कम करने, शारीरिक लचीलापन बढ़ाने, और मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करते हैं। ये योगासन आपकी दिनचर्या में शामिल होना चाहिए, चाहे आप थकान को दूर करना चाहें या जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहें। योग को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाएं।